पाली:–तहसील मुख्यालय देसूरी से 17 किमी दूर गिराली,बड़ौद, सरथूर, माताजी वारा,दादाई, वीरमपुरा माताजी और पदमपुरा के मध्य बड़ौद पंचायत का छोटा सा गांव है – *उन्दरथल*।

तहसील मुख्यालय देसूरी से 17 किमी दूर गिराली,बड़ौद, सरथूर, माताजी वारा,दादाई, वीरमपुरा माताजी और पदमपुरा के मध्य बड़ौद पंचायत का छोटा सा गांव है – *उन्दरथल*।
*325 घर की बस्ती में आधे में सीरवी है* अन्य जातियों में चारण, राजपूत, वैष्णव, कुम्हार, माली, देवासी,भील, मेघवाल, ढोली और सरगरा आदि यहां निवास करते हैं।
*उन्दरथल में सीरवी समाज के लगभग 150 घर है* जिनमें सैणचा, सिन्दड़ा,बरफा, परमार, लचेटा, आगलेचा और मुलेवा बसे हुए हैं।
यहां पर श्री आई माताजी मंदिर *बडेर की प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत २०६६ वैशाख सुदी छठ, गुरुवार दिनांक 30 अप्रैल 2009 को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब श्री माधव सिंह जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से संपन्न हुई।*
दीवान साहब के मंच पर पधारने से पूर्व राजनेताओं के मंच पर विराजमान होकर स्वागत एवं उद्बोधन प्रारंभ कर देने पर दीवान साहब ने नाराजगी जताई और भविष्य में सीरवी समाज को सावधान किया कि श्री आई माताजी मंदिर बडेर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूर्णतया धार्मिक रहे इसमें किसी प्रकार की राजनीति और भाषण को स्थान नहीं दिया जाये। इससे पूरे सीरवी समाज में बहुत अच्छा सकारात्मक परिणाम मिला।
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री श्री चेनाराम जी बदाजी बरफा, जमादारी श्री रामलाल जी ओटाजी सैणचा और पुजारी श्री चतराराम जी मोतीजी मुलेवा* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
बडेर के सामने छोटा-सा भवन भी है आवश्यक सुविधाएं यहां पर उपलब्ध हैं।
उन्दरथल से *सरकारी सेवा में डाक्टर श्री मांगीलाल जी दीपाजी परमार बाली में सर्जरी में सीरवी समाज और अपने गांव उन्दरथल का नाम रोशन कर रहे हैं। श्री बाबूलाल जी दीपाजी परमार J.En BSNL फालना में अपनी सेवा दे रहे हैं। डाक्टर श्रीमती संतोष धर्मपत्नी श्री बाबूलाल जी परमार पशु चिकित्सालय दादाई में अपनी सेवा दे रही है*।श्री घीसारामजी देवाजी परमार सरसुनिया हल्दीघाटी अध्यापक लेवल 2 पर कार्यरत हैं आपकी धर्मपत्नी श्रीमती बसन्ती घीसारामजी परमार लखावली उदयपुर में अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।
उन्दरथल में सीरवी समाज ने अभी तक किसी तरह की कोई राजनीति नहीं की एवं किसी चुनाव में भाग्य नहीं आजमाया।
यहां से व्यापार व्यवसाय में सीरवी बंधु रानी, अहमदाबाद, बड़ौदा, सूरत, दहाणु रोड़, मुंबई, पुणे, हैदराबाद और रत्नागिरी में अपने गांव का नाम रोशन कर रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में स्वर्गीय श्री स्वरुपराम जी मकनाजी परमार, श्री गजाराम जी रुपाजी सैणचा और श्री पीथारामजी गमनाजी सिन्दड़ा मुम्बई गये।
ग्राम विकास के कार्य में श्री जगारामजी शेषाराम जी सैणचा द्वारा आखरिया में अवाला निर्माण करवाया गया,श्री लूम्बाराम जी डायाजी लचेटा द्वारा जूना घाणेराव मार्ग पर गौचर में अवाला बनवाया, श्री चतराराम जी पकाजी लचेटा द्वारा उन्दरथल विद्यालय का द्वार बनवाया गया, स्वर्गीय श्री पन्नाराम जी गलाजी सैणचा द्वारा श्री मोतीबाबा छात्रावास रानी में कमरा निर्माण करवाया गया, स्वर्गीय भूराराम जी इन्दाजी सिन्दड़ा द्वारा श्री मोतीबाबा छात्रावास रानी में कमरा निर्माण करवाया गया तथा सीरवी समाज उन्दरथल द्वारा मोतीबाबा छात्रावास रानी में एक लाख ग्यारह हजार रुपए भेंट किये गये।
दक्षिण भारत के संगठनों के पदाधिकारी रूप में *श्री रामलाल जी पन्नाजी सैणचा कमाठे मुम्बई बडेर के अध्यक्ष* पद पर आसीन है।
उन्दरथल में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया रात में धर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमें माताओं बहनों और बांडेरुओं ने पूर्ण मनोयोग से इतिहास को सुना।
सीरवी समाज उन्दरथल के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।

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