तहसील मुख्यालय रानी से 28 किमी दूर डुठारिया, देवली पाबूजी, सेपटावा, इंदरवाड़ा, निंबाड़ा और बूसी के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है- *भादरलाऊ*
छत्तीस कौम के लगभग 400 घर की बस्ती में सीरवी, राजपूत, देवासी, घांची, मेघवाल, राजपुरोहित, ब्राह्मण, जैन, वैष्णव, गोस्वामी, सरगरा और कुम्हार यहां पर बसते हैं।
सोमेसर रेलवे स्टेशन के चारों ओर भादरलाऊ की ही भूमि है, एवं *भादरलाऊ गांव का ही वर्तमान में सोमेसर रेलवे स्टेशन है।*
यहां पर सीरवी समाज के लगभग सौ घर है, जिनमें देवड़ा, राठौड़, बरफा, सोलंकी और काग निवास करते हैं।
श्री आई माता जी की *पुरानी बडेर एवं पाट काग परिवार के घर में है*, पर वर्तमान में श्री आई माताजी का भव्य नया मंदिर लाल पत्थर में बनकर तैयार हो चुका है, लगभग आगामी 6 माह में श्री आई माताजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की संभावना है।
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री जीवाराम जी नवाजी देवड़ा, जमादारी श्री पेमाराम जी नवाजी काग और पुजारी दिनेश कुमार जी कीकाराम जी बरफा* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे है।
सरकारी नौकरी में यहां पर शंकरलाल जी घीसाजी देवड़ा रेलवे में इलेक्ट्रीशियन है, डॉक्टर दिनेशजी अमराराम जी देवड़ा चेन्नई में नाक कान गला रोग विशेषज्ञ है, श्री जेठारामजी धूलाजी राठौड़ सेवानिवृत्त व्याख्याता है।
राजनीति में यहां से *सुश्री ममता पुत्री श्री मांगीलाल जी देवड़ा भादरलाऊ से पंचायत समिति सदस्य रही है। मांगीलाल जी गमनाराम जी देवड़ा भादरलाऊ मार्केटिंग सोसाइटी में उपाध्यक्ष है*।
यहां से व्यापार व्यवसाय में मुंबई, अहमदाबाद, बड़ौदा, भरुच, अंकलेश्वर, सिलवासा, वापी, पुणे, चेन्नई और पाली में भी सीरवी बंधु व्यापार व्यवसाय में लगे हुए हैं।
यहां से सर्वप्रथम बाहर जाने वालों में *स्वर्गीय अमराराम जी जेठाजी राठौड़ गुजरात गए और अमराराम जी कूपाजी देवड़ा चेन्नई* गए।
विकास कार्य में श्री *अमराराम जी कूपाजी देवड़ा द्वारा आईजी विद्यापीठ जवाली में कमरा निर्माण* करवाया गया।
भादरलाऊ में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का आगमन नहीं होता है पहले गुड़ा जैतसिंह जी भैल आगमन पर जात करवाते थे कई वर्षों से जात भी बन्द है।अब श्री आई माताजी मंदिर बडेर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल और दीवान साहब माधव सिंह जी को बुलाने की योजना है।
*कोटवाल श्री जीवाराम जी देवड़ा* से यह जानकारी प्राप्त की गई। सीरवी समाज भादरलाऊ के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।