रानी तहसील मुख्यालय से 25 किमी दूर जवाली,इटनरा मेड़तियान, ओडवाड़िया, भादरलाऊ, सेपटावा, देवली पाबूजी और ढारिया के मध्य भादरलाऊ पंचायत का गांव है- *डूठारिया।*
लगभग 1000 घर की बस्ती में जणवा, मेघवाल, जैन, सीरवी, राजपूत, सरगरा, वैष्णव, देवासी, लौहार, कुम्हार, दर्जी, गर्ग और हरिजन यहां बसे हुए हैं।
*डुठारिया में सीरवी समाज के लगभग 50 घर है,* जिनमें बरफा, चोयल, मुलेवा और परमार यहां बसे हुए हैं।
यहां पर *श्री आई माता जी का बडेर पक्का बना हुआ है,पाट स्थापना की हुई है पर लगभग 60 वर्ष पुराना है। जिसकी विधिवत रूप से प्राण प्रतिष्ठा भी नहीं हुई है।*
वर्तमान में यहां पर *कोटवाल चतराराम जी तलसाजी बरफा है, जमादारी ढलाराम जी सुजाजी चोयल है, तथा भादरलाऊ के निवासी श्री तलाजी कूपाजी राठौड़* 9 वर्ष से पुजारी के रूप में यहां पर सेवाएं दे रहे हैं।
सरकारी नौकरी में यहां पर डॉक्टर राजू जी नेमाराम जी बरफा संजान गुजरात में सेवा दे रहे हैं, स्वर्गीय रामलाल जी तेजाजी बरफा पोस्ट मास्टर रहे, श्री शुभम तारा राम जी बरफा पायलट की ट्रेनिंग कर रहे हैं, संगीता पुत्री श्री मांगीलाल जी बर्फा बीडीएस कर रही है। डुठारिया गांव में सीरवी समाज का राजनीति में कोई योगदान नहीं है और अभी खाता ही नहीं खुला है।
यहां से व्यापार व्यवसाय के लिए सीरवी मुंबई, चेन्नई, पुणे और गुजरात में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में नेमाराम जी डूंगाजी बरफा मुंबई और अचलाराम जी पन्ना की बरफा चेन्नई मुख्य है।
विकास कार्य में यहां पर *कूपाराम जी रामाजी बरफा ने देवली मार्ग पर अवाला बनवाया और टीकम राम जी धनाजी बरफा द्वारा जीजी बड़ डायलाना में शिव मंदिर बनवाया गया।*
यहां पर अब तक श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का आगमन नहीं होता है एक बाबाजी द्वारा जात प्राप्त की जाती है इस बार खेता बाबा जी के साथ में जात हेतु जाने पर जानकारी प्राप्त की गई, यहां सीरवी बंधुओं ने अच्छा सम्मान दिया, धर्म सभा में समाज सुधार की चर्चा भी हुई।
सीरवी समाज डुठारिया के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।