रानी तहसील मुख्यालय से करीब 32 किमी दूर सेपटावा, गुड़ा जैतसिंह,रुंगड़ी और देवली पाबूजी के मध्य स्थित छोटा सा ग्राम है- *ऐलाणी*।
छत्तीस कौम के मात्र 60-70 घर की बस्ती में सीरवी समाज के अलावा राजपूत, देवासी, हटिया, गोस्वामी आदि जातियां यहां बसती है।
ऐलानी में सीरवी समाज के मात्र दो बेरे हैं, *बेरा- रिया और बेरा- पिपलिया*। यहां पर रिया बेरा पर रामाजी काग और बेरा पीपलिया पर दलाजी चोयल के दो परिवार से अब पांच काग और चार चोयल परिवार है। कुल मात्र नौ घर है।
यहां पर गांव में पुरानी बडेर बनी हुई है। जिसमें मात्र तस्वीर रखी हुई है। *मात्र भादवी बीज को एक दिन के लिए सभा होती है। बाकी दिनों में श्री आई माताजी की सेवा पूजा नहीं होती है, और बडेर का दरवाजा ही नहीं खोलते हैं*। सभी अपने अपने घरों में पूजा करते हैं। यहां पर अब तक कोटवाल जमादारी पुजारी आदि किसी को थापन किया हुआ नहीं है।
यहां से नौकरी में किसी ने अब तक खाता नहीं खोला है।
व्यापार व्यवसाय के लिए यहां से पुणे, अनावल, मुंबई आदि शहरों में सीरवी अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
विकास कार्य में सीरवी बंधुओ ने कहीं कोई नाम नहीं किया है।
यहां पर श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल का आगमन नहीं होता है और यहां के सीरवी बन्धु कहीं पर जाकर जात भी नहीं करवाते हैं।इधर उधर से बेल प्राप्त कर बांधते हैं। पहले गुड़ा जैतसिंह भैल आगमन पर वहां जात करवाते थे।
इस बार बेरा रिया पर दौलाराम जी काग से यह जानकारी प्राप्त की।
*काग और चोयल परिवार द्वारा ऐलानी गांव में सीरवी समाज का नाम बनाये रखने पर बहुत बहुत आभार।*
सीरवी समाज ऐलानी के नौ परिवार की खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।