पाली पंचायत समिति एवं तहसील मुख्यालय से 23 किमी दूर केनपुरा, शिवपुरा, गिरधारी जी का गुड़ा, हिंगोला खुर्द, रामपुरा और खैरवा के मध्य पंचायत मुख्यालय का छोटा सा गांव है – *बडेरावास।*
छत्तीस कौम की 200 घर की आबादी में सीरवी, घांची, कारीगर, मेघवाल, वैष्णव, नाई, चौकीदार एवं सरगरा यहां बसते हैं।
यहां पर सीरवी समाज के लगभग 125 घर है, जिनमें परमार, काग, चोयल, गहलोत, राठौड़, चौहान, परिहार, भायल और सोलंकी गौत्र है।
यहां पर श्री आई माता जी का मंदिर बडेर बहुत प्राचीन है जिसकी *प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत् २०१३* अर्थात लगभग 70 साल पहले हुई थी। प्राण प्रतिष्ठा की अधिक जानकारी अब यहां पर किसी को नहीं है। श्री आई माताजी की पाट स्थापना की हुई है। ठीक पास के मंदिर में श्री ठाकुर जी विराजमान है। श्री आई माताजी मंदिर के अब जीर्णोद्धार की सख्त आवश्यकता है,बडेर में इस समय विद्युत रोशनी व्यवस्था भी नहीं है,आज के दिन श्री आई माताजी अंधेरे में विराजमान हैं। नया मंदिर बनने तक रंग रोगन भी करवाने की आवश्यकता है।
*वर्तमान में बडेरावास में श्री शेषाराम जी भेरा जी परमार कोटवाल, श्री शेषाराम जी भीमाजी परमार जमादारी और पुजारी श्री मिश्रीलाल मगाजी सोलंकी अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।*
सरकारी नौकरी में यहां से श्री *श्री भंवरलाल जी काग मेल नर्स* धामली में पिछले 25 साल से रोगीजन को स्वस्थ कर अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं। श्री तुलसीराम जी चौहान भारतीय जीवन बीमा निगम में अकाउंटेंट के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
स्थानीय गांव में ग्राम पंचायत मुख्यालय है लेकिन राजनीति में मात्र अभी तक सीरवी समाज ने तीन बार उपसरपंच पद पाया है, जिनमें *गणेशराम जी चोयल, मानाराम जी परमार और हेमाराम जी सोलंकी उप सरपंच* रहे हैं।
यहां से व्यापार व्यवसाय में पुणे, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, सूरत, जोधपुर, पाली, खैरवा और बडेरावास में सीरवी बंधु सफलतम रुप से अपना व्यापार व्यवसाय चला रहे हैं।
दक्षिण भारत जाने वालों में सर्वप्रथम नाम नगाराम जी नैनाजी परमार, तिलोकराम जी जोराजी परमार, रामलाल रूपा जी परिहार पुणे गए। हीरालाल पेमा जी गहलोत मुंबई, अशोकजी भाना जी गहलोत चेन्नई, भूराराम जी रूपा जी पुणे और लकमाराम जी गेना जी पुणे गए थे।
स्थानीय ग्राम विकास कार्य में श्री लकमाराम जी गेना जी परमार, श्री भूराराम रूपा जी परमार और श्री हेमाराम शेराजी परमार के द्वारा विद्यालय में एक-एक कमरा निर्माण करवाया गया। श्री मेघाराम वेना जी परमार द्वारा विद्यालय का मुख्य द्वार बनवाया गया और कमरा निर्माण भी करवाया गया जिसमें भूराराम जी रूपा जी परिहार भागीदार बने। रामलाल जी रूपा जी परिहार ने शमशान में पानी का टांका और अवाले का निर्माण करवाया गया। ढलाराम हकाजी परमार द्वारा शमशान में द्वार का निर्माण करवाया गया। श्री गणेश राम जी चोयल ने विद्यालय को कंप्यूटर सेट और माइक सेट भेंट किए हैं।
दक्षिण भारत के संगठनों में वर्तमान में *बड़गांव शेरी पूना बडेर में श्री भूराराम जी परिहार अध्यक्ष* पद का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं, और अपने गांव बडेरावास का नाम रोशन कर रहे हैं।
*ऐसा बताया जाता है कि कोई समय में सीरवी खैरवा में बसे हुए थे लेकिन वहां पर कोई अनबन हो जाने से सीरवी जब गांव छोड़कर अन्यत्र जा रहे थे तब गांव के ठाकुर साहब ने इनको रोका एवं अपने गांव में पुनः बसने का आग्रह किया, लेकिन हमारे पुरखे बड़े स्वाभिमानी थे, इसलिए इन्होंने कहा कि हम वापस आपके गांव में नहीं चलेंगे और अब यहां पर सीरवी मात्र नहीं बसेंगे। तब ठाकुर भी अड़ गए और उन्होंने कहा मैं मेरी सीमा से बाहर आप लोगों को नहीं जाने दूंगा,आप खैरवा गांव में नहीं चलते हो तो कोई बात नहीं पर इसी गांव की सीमा में जहां चाहो अपने नए खेड़े बसा लो,पर हमें छोड़कर अन्यत्र मत जाओ। तब सीरवी समाज ने चार नये खेड़े बसाये जिनमें इन्होंने खैरवा नदी के दूसरे किनारे इस गांव को बसाया,जिसे बडेरावास नाम दिया गया। ऐसे ही खैरवा सीमा में अन्य खेड़ा सीरवी समाज द्वारा बसाये उनके नाम है- रामपुरा, केनपुरा और सपरा। खैरवा के बड़े बास में रहने वालों ने नदी के किनारे जो खेड़ा बसाया इसी कारण उसका नाम बड़े बास से बडेरावास रखा।* गांव की बसावट की विशेषता यह है कि सीरवी समाज के घरों के बीच कोई अन्य क़ौम का मकान नहीं है गली के दोनों ओर सीरवी तथा गली के अंत में न्याति नौहरा बनाया हुआ है।
यहां पर सीरवी समाज द्वारा जिस समय खेड़ा बसाया गया उस खेड़ा देवी की स्थापना की गई जिनका भव्य मंदिर बना हुआ है, गांव के फीले पर सीरवी समाज द्वारा ही हनुमान बालाजी का भव्य मंदिर बनाया गया है सभी यही कह रहे हैं कि अब श्री आई माताजी मंदिर के जीर्णोद्धार की बारी है। यहां पर विवाह समारोह एवं धार्मिक आयोजन स्थल के रूप में न्याति नौहरा बना हुआ है जिसमें सीरवी समाज के सभी सामाजिक आयोजन होते हैं।
श्री आई माताजी धर्म रथ भैल आगमन पर भव्य बधावा किया गया, संध्या आरती में भी श्रद्धालु माताऐं बहने एवं बांडेरु उपस्थित रहे, रात में धर्म सभा का आयोजन हुआ जिसमें माताओं बहनों और बांडेरुओं ने पूर्ण मनोयोग से श्री आई माताजी के इतिहास को तन्मयता से सुना एवं प्रसन्नता व्यक्त की।
सीरवी समाज बडेरावास के चंहुमुखी विकास और ग्राम की खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।