राजस्थान :– जिला मुख्यालय एवं तहसील मुख्यालय पाली से 22 किमी दूर स्थित गांव बाणियावास में

जिला मुख्यालय एवं तहसील मुख्यालय पाली से 22 किमी दूर पड़ासला कलां, पड़ासला खुर्द,खारड़ी, जाडन और राजकीयावास के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है – *बाणियावास।*
छत्तीस कौम के लगभग 150 घर की बस्ती बाणियावास में सीरवी, देवासी,राजपूत, कुम्हार, मेघवाल, सरगरा, चौकीदार,साद, कारीगर गोस्वामी और हरिजन जातियां यहां पर बसी हुई है।
यह गांव सीरवी बाहुल्य गांव है जिसमें सर्वाधिक 80 घर सीरवी समाज के है, जिनमें बरफा गौत्र का डंका है इनके यहां पर 60 घर है, इनके अलावा चोयल, काग, सैणचा, पंवार और सोलंकी गौत्र के सीरवी बसे हुए हैं।
यहां पर श्री आई माताजी का बडेर पक्का बना हुआ है,जो बस स्टैंड पर ही बहुत अच्छी जगह पर स्थित है। *यह गांव पूर्णतया बिठौड़ा पीरोंसा का श्री आई माताजी की सफेद गादी का धाम है।* किसी समय एकमात्र बिलाड़ा गादी का पूजक चोयल परिवार था पर वर्तमान में यहां बिलाड़ा गादी को मानने वाला एक भी परिवार नहीं है अतः यहां पर बिलाड़ा से आई माताजी के धर्म रथ भैल और बिलाड़ा दीवान साहब का आगमन नहीं होता हैं।
यहां श्री आई माताजी मंदिर की *प्राण प्रतिष्ठा 17 मई 2005 को श्री रावतसिंह जी परमार बिठौड़ा पीरोंसा* के कर कमलों से हर्षोल्लास से संपन्न हुई थी।
यहां पर कोटवाल श्री मोहनलाल जी काग, जमादारी श्री लखाराम जी बरफा और पुजारी श्री देवाराम जी बरफा है।
मंदिर में श्री आई माताजी के साथ सोनाणा खेतलाजी तथा दूसरी तरफ गजानन जी के साथ सांवलिया जी विराजमान हैं। मंदिर के सामने शानदार हाॅल बना हुआ है, अब ढ़ाई बीघा भू भाग पर सीरवी समाज का न्याति नौहरा मय मैरिज गार्डन का निर्माण कार्य चल रहा है।
यहां पर *सरकारी नौकरी में एकमात्र चतरा राम जी बरफा फौजी* रहे हैं। आपके पहले और बाद में अब तक किसी ने सरकारी नौकरी की चाह नहीं रखी और किसी अन्य ने खाता ही नहीं खोला है।
राजनीति में भी सीरवी समाज से *सर्वप्रथम जिला प्रमुख* देने वाले गांव में बाणियावास का नाम अमर रहेगा। *श्री चतरा राम जी सीरवी (बरफा) पाली जिले के प्रथम सीरवी जिला प्रमुख* बने एवं सीरवी समाज का नाम रोशन किया सीरवी समाज में आपका नाम अमर रहेगा। आपके अलावा बाणियावास पंचायत से घीसाराम जी बुधाराम जी बरफा दो बार सरपंच रहे, श्री प्रभु राम जी मोती जी बरफा जिला परिषद सदस्य रहे।
बाणियावास से व्यापार व्यवसाय में सीरवी बंधुओं का पाली,वापी, मुंबई और पुणे में नाम है। सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री प्रभुराम जी बरफा, वनाराम जी बरफा, भानाराम जी बरफा और केसाराम जी बरफा पूना में तथा मुम्बई में सर्वप्रथम चतराराम जी बरफा ने गोरेगांव में हरिराम जी धामली और चेनोबा परमार गुड़ा जैतसिंह जी की भागीदारी में चौधरी इंडस्ट्रीज लगाकर सीरवी समाज में उद्योगपति का नाम किया।
*स्वर्गीय चतराराम जी बरफा बड़े भाग्यशाली पुरुष रहे जिन्होंने सर्वप्रथम सरकारी नौकरी में फौजी बन देश की सेवा की, फिर व्यवसाय व्यापार में सफलतम उद्योगपति रहे एवं तीसरी पारी में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं होते हुए आप सफलतम राजनीतिज्ञ के रूप में 2000 से 2005 तक प्रथम सीरवी जिला प्रमुख रहे।*
ग्राम के विकास कार्यों में जिला प्रमुख श्री चतराराम जी बरफा का ही प्रयास काम आया कि सरकार से पांच करोड़ रुपए प्राप्त कर बाणियावास के बांध की दीवार को पक्का करवाया नहीं तो हर बरसात में इस बांध के फूटने और जल की बर्बादी देखने को मिलती थी।
यहां पर सीरवी समाज द्वारा भी ग्राम विकास में पूरी भागीदारी है जिनमें नारायण लाल जी बरफा द्वारा खारड़ी मार्ग पर जोड में प्याऊ निर्माण,तालका मार्ग पर टांका निर्माण करवाया। श्री घीसुलाल जी बरफा, श्री नन्दलाल जी बरफा, वेनाराम जी-कनाराम जी, एवं राजाराम जी-केसाराम जी-मोहनलाल जी घीसाराम जी द्वारा एक एक कमरा विद्यालय में निर्माण करवाया गया। गेनाराम जी नारायण जी बरफा द्वारा विद्यालय में प्याऊ निर्माण, नेमाराम जी दीपाराम जी द्वारा विद्यालय का मुख्य द्वार बनवाया गया। नन्दलाल दीपाजी बरफा द्वारा लाम्बिया मार्ग पर टांका निर्माण, नारायण जी चोयल द्वारा पड़ासला मार्ग पर रामदेवरा हाल बनवाई, वोराराम जी काग द्वारा पड़ासला मार्ग पर अवाला निर्माण करवाया, मूलाराम जी भानाजी बरफा द्वारा पड़ासला मार्ग पर माताजी मंदिर के पास अवाला निर्माण करवाया और नारायण जी पन्नाराम जी पंवार द्वारा पड़ासला मार्ग पर माताजी द्वार पर प्याऊ का निर्माण करवाया गया।
बाणियावास के पूर्व सरपंच श्री खुमाराम जी को पड़ासला कलां से साथ लेकर बाणियावास की पड़ताल की एवं जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत की जो आपको निश्चित ही पसन्द आयेगी ऐसी आशा करता हूं।
पड़ासला कलां से बाणियावास होते हुए पड़ासला खुर्द भैल के निकलते समय बस को विश्राम दिया गया बाबा मंडली ने श्री आई माताजी मंदिर बडेर बाणियावास के दर्शन किए, बाणियावास बडेर से एवं श्रद्धालुओं द्वारा भैल पर नारियल चढाये गये जो यहां की परंपरा रही है कि भैल के यहां से गुजरते समय थोड़ा विश्राम देकर विदा किया जाता है।
पाली जिले में सर्वप्रथम जिला प्रमुख के पद पर सीरवी समाज के नाम को रोशन करने वाले बाणियावास ग्राम की खुशहाली और चंहुमुखी विकास के लिए मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।

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