मारवाड़ जंक्शन तहसील मुख्यालय से 10 किमी दूर खारड़ी, राजकीयावास, चवाडिया, खारची, लोलावास, अखावास और सिनला के मध्य चवाड़िया पंचायत में आने वाला छोटा सा गांव है- *जोगड़ावास।*
छत्तीस कौम की लगभग 275 घर की बस्ती में गुर्जर, चौकीदार, सीरवी, कारीगर, राजपूत, रावणा राजपूत, मेघवाल, जटिया, नाई, गाडोलिया लोहार, नायक, हरिजन, सरगरा, ढोली आदि जातियां यहां पर निवास करती है।
सीरवी समाज के यहां पर मात्र तीन गौत्र काग,पंवार और चोयल है जिनमें कागों के सर्वाधिक 17 घर, पंवारों के 05 घर और 02 चोयल परिवार थूल है,कुल मात्र 24 घर है।
यहां पर बडेर का निर्माण होना बाकी है, वर्तमान में जमादारी के बड़े भाई चोलाराम जी काग के घर पोल में फर्श पर पाट रखा हुआ है, यहां के सीरवी बंधु यह दिखाते हुए असहज महसूस करते हैं, गांव में जहां मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू की गई वह भू भाग बड़ा था सीरवी समाज और गुर्जर समाज द्वारा आपसी सहमति से सामूहिक भूखंड को बडेर निर्माण के लिए छोड़ा गया, वहां नींव खोदने के बाद विपरीत परिस्थितियों के कारण कुछ अधिक समय बीत गया और मंदिर निर्माण का कार्य रुका रहा। सीरवी समाज और गुर्जर समाज में सहमति नहीं बन पाई। अब उस स्थान पर मंदिर निर्माण स्थगित कर दो पक्के मकान के बीच छोटी सी जगह ही सही शेर मुख भूखंड पर मंदिर निर्माण की तैयारी चल रही है। नवरात्रा के बाद आसोज सुदी बारस के दिन मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास का मुहूर्त है। कोटवाल जमादारी ने कहा कि अब हमने कमर कस ली है।
वर्तमान में जोगड़ावास में कोटवाल भानाराम जी पंवार और जमादारी घीसाराम जी काग है। एवं पूजा भी घीसाराम जी काग ही कर रहे हैं। दोनों ही अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
यहां पर सरकारी नौकरी में वर्तमान में दिनेश पुत्र श्री घीसाराम जी काग का दिल्ली पुलिस में चयन हुआ है।इस गांव में पहले सीरवी ने सरकारी नौकरी में खाता खोला है, इससे पहले सरकारी नौकरी में यहां से कोई भी सीरवी बंधु नहीं था।
गुर्जर बाहुल्य गांव में अल्पसंख्यक सीरवी होने से राजनीति में सीरवी बंधुओ ने कोई रुचि नहीं दिखाई, इसलिए इस गांव से राजनीति में किसी ने खाता ही नहीं खोला है।
व्यापार व्यवसाय में जोगड़ावास से सीरवी बंधु हैदराबाद, पुणे और गोवा में बसे हुए हैं। यहां से सर्वप्रथम बाहर जाने वालों में घीसाराम जी काग बेंगलुरु उसके बाद पुणे, भानाराम जी पंवार रूद्रपुर उत्तराखंड अब पुणे में और भूंडारामजी काग ने पुणे के अंदर अपना नाम रोशन किया हैं।
भानाराम जी पंवार ने यहां के सीनियर विद्यालय में कंप्यूटर, लैपटॉप और ऑटोमेटिक बेल भैंट की है।
सीरवी समाज की कम आबादी वाले इस जोगड़ावास गांव में सीरवी समाज के पास जमीन भरपूर है, जोगड़ावास बांध इनके लिए वरदान है कि कुंओं में भरपूर मात्रा में जल है। खेती बाड़ी अच्छी होती है गुर्जर इनके भाईपा की तरह सामाजिक समारोह का हिस्सा रहते हैं, खुशहाली में श्री आई माताजी की पूर्ण कृपा है।मात्र श्री आई माताजी के स्वयं के लिए अब तक देर हुई है पर अब कमर कस ली है संख्या कम होने से छोटा-सा मंदिर और सामने छोटे से हाॅल निर्माण की योजना है,एक वर्ष में आप सभी के लिए लापसी के प्रसाद की तैयारियां है।
सिनला में भैल आगमन पर बाबा जी द्वारा जाकर जोगड़ावास से जात इक्ट्ठी की जाती है और बडेर पर भैल नहीं जाती है।इस बार खेताराम जी के साथ जोगड़ावास पड़ताल का अवसर मिला, कोटवाल जमादारी एवं बांडेरुओं ने बडेर की दयनीय स्थिति पर पश्चात्ताप करते हुए एक वर्ष में मंदिर निर्माण का वादा दोहराया, कोटवाल जमादारी ने बहुत अच्छा मान सम्मान किया। मां श्री आई माताजी से यहां शीघ्र मंदिर निर्माण के साथ श्री आई माताजी के नये बडेर में विराजमान होने की कामना के साथ सीरवी समाज जोगड़ावास के सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।