- दिनांक 25अगस्त 2023 श्री आई माताजी धर्म रथ भैल कोलपुरा ( मारवाड़ जंक्शन) में भव्य स्वागत किया गया…..
मारवाड़ जंक्शन तहसील के धनला पंचायत में मात्र 300 घर की बस्ती से सीरवी समाज के रत्न एवं सीरवी समाज के प्रथम सीए जे के चौधरी मुंबई का गांव है – कोलपुरा।
मारवाड़ जंक्शन से 35 किमी एवं पंचायत मुख्यालय धनला से 4 किमी दूर मुकनपुरा, गजनीपुरा,मेवी, पनोता और आखर के बीच बसा हुआ गांव कोलपुरा सीरवी बाहुल्य गांव है जिनमें सीरवी समाज के लगभग 200 घर है। सीरवी समाज के अलावा यहां पर मेघवाल, मीणा, देवासी , कुम्हार, सरगरा आदि जाति के लोग निवास करते हैं।
सीरवी समाज में चोयल, पंवार, सोलंकी,काग, सिन्दड़ा, चौहान, मुलेवा, आगलेचा, राठौड़, गहलोत,बरफा, देवड़ा, खंडाला एवं परिहार गौत्र के सीरवी बंधु निवास कर रहे हैं।
यहां पर बडेर छोटी सी एवं बहुत प्राचीन बनी हुई है, कोटवाल जमादारी एवं पंचों ने बताया कि हम सबने इसको ऐसे ही देखा है मात्र समय समय पर रंग रोगन करवाया है, लगता है कि इसे बने हुए लगभग 80-90 वर्ष हो चुके हैं। श्री आई माताजी निज मंदिर के सामने छोटा सा बरामदा है जिसमें सीरवी बंधु बीज पर्व और भैल आने पर बैठते हैं सभी बंधुओं के बैठने की जगह नहीं है बाक़ी लोग बाहर इधर उधर बैठते हैं।बडेर के फैलाव या नई जगह नहीं है और किसी तरह का विचार भी नहीं किया जा रहा है। गांव की युवा पीढ़ी पूरी तरह से दक्षिण भारत में व्यापार व्यवसाय हेतु पलायन कर चुकी हैं यहां पर केवल बुजुर्ग हैं वे भी अधिक तर बेरों पर निवास कर रहे हैं।
दीवान साहब के आगमन के बारे में पूछने पर बुजुर्गो ने बताया कि हमारे समय में बडेर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई, दीवान साहब माधव सिंह जी मात्र दस साल की उम्र में यहां चौताला इकट्ठा हुआ तब जति मोती बाबा जी लेकर आये तब दर्शन किये थे।अब तक वापस दीवान साहब कोलपुरा में नहीं पधारे हैं।
इस गांव के कोटवाल पकाराम जी परमार, जमादारी मोतीराम जी चौहान एवं पुजारी पोकर राम जी राठौड़ अपनी सराहनीय सेवा दे रहे हैं। पुजारी पेंट शर्ट में थे उनसे धोती साफे में पूजा अर्चना का निवेदन किया उन्होंने हाथों हाथ पालना की जिनकी मंदिर में फोटो भी खिंचवाई गई।
इस गांव को सीरवी समाज के प्रथम सीए देने का श्रेय जाता है कोलपुरा के श्री जस्साराम जी चौहान (जे के चौधरी) ने देश के सबसे बड़े महानगर मुम्बई में सीरवी समाज एवं कोलपुरा का नाम रोशन किया है एवं सीरवी समाज के विकास हेतु भामाशाह बन नेतृत्व किया है। सीरवी समाज की मासिक पत्रिका सीरवी संदेश के लम्बे समय तक मुम्बई से स्तम्भ रुप में पोषक रहे हैं।
इस गांव से कोई सक्रिय राजनीति में नहीं है यहां से नौकरी में भी रुचि नहीं थी फिर भी स्वर्गीय चुन्नीलाल जी सिन्दड़ा ने एयरफोर्स में सेवा दी, उनके पौत्र निखिल सिन्दड़ा इंडियन आर्मी में मेजर है, प्रवीण काग की पायलट की ट्रेनिंग चल रही है।
इस गांव से सीए बनने वालों में दिनेश सिन्दड़ा, जगदीश चौहान, सुशील चौहान और रजनी धर्मपत्नी अरविंद चौहान मुम्बई में तथा महेन्द्र चोयल हैदराबाद में सीए बन कर सेवा दे रहे हैं।
इस छोटे गांव का बड़े नगर में मुम्बई में बड़ा नाम है परन्तु सीरवी समाज की आराध्य कुल देवी श्री आई माताजी मंदिर बडेर पर बड़े बुजुर्गो एवं बांडेरुओं के बैठने की जगह पूरी नहीं है, इनके शंका पालन करने के लिए कोई स्थान नहीं है भैल आगमन पर बाबा मंडली को भी नित्य कर्म निवृत्ति हेतु इधर-उधर घरों में संकोच वश जाना पड़ता है, अतः युवा पीढ़ी से निवेदन है कि ये हमारी मातृभूमि है कभी इस तरफ भी एक बार ध्यान देने का कष्ट करेंगे।
छोटी सी बस्ती कोलपुरा की सुख समृद्धि और श्री आई माताजी मंदिर बडेर में शीघ्र सुविधाओं की कामना करता हूं – दीपाराम काग गुड़िया।