सीरवी समाज भवन अनकापुत्तुर चैन्नई में हुआ भागवत कथा एवं नानी बाई का मायरा का समापन

चेन्नई/ अनकापुत्तुर मदुरावोयल बाईपास रोड पर स्थित आईमाताजी वडेर भवन में राजस्थान के सिद्ध आश्रम बर के कथा वाचक महन्त 108 डॉ श्री देव ऋषि महाराज के सान्निध्य में सात दिवसीय भागवत कथा एवं नानी बाई का मायरा का समापन समारोह गुरुवार को बड़े हर्षोल्लास एवं भक्तिमय वातावरण के साथ हुआ, महन्त श्री देव ऋषि महाराज ने कहा की भागवत कथा सुनने वाले लोगों को जीवन में सुख एवं शांति प्राप्त होती है। इंसान को हमेशा भगवान की पूजा कर और उनकी भक्ति करनी चाहिए और अपने जीवन काल जितनी बार भी मौका मिले तो जरूर भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। श्रीमद भागवत कथा सुनने से हमारे जन्म के अनेकों पाप नष्ट हो जाते है और इसको सुनने से मन में आध्यात्मिक शक्ति का विकास होता है। नानी बाई के मायरा में कलाकार के सहयोग से स्थानीय बालिकाओं ने भगवान श्री कृष्ण, राधा नृसिंह भगत, के रुप धारण कर मायरा कथा प्रारंभ किया गया ताकि सभी भक्तों ने कथा को आसानी से समझा गया, राधा स्वरुपा सुश्री सोनु पंवार ने पहले दिन से कथा का शुभारंभ करते हुए कहा कि नानी बाई रो मायरो अटूट श्रद्धा पर आधारित प्रेरणादायी कथा है। जहां कथा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण का गुणगान किया जाता है। सोनु पंवार ने क‌ष्ण भगवान का रुप धारण किया, दीपिका सैणंचा एवं शांति राठौड़ ने राधा रुक्मणी के रूप में आकर्षण का केंद्र बनी उन्होंने ने बताया कि भगवान को यदि सच्चे मन से याद किया जाए तो वे अपने भक्तों की रक्षा करने स्वयं आते हैं। कथा वाचक ने कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि नानी बाई रो मायरो की शुरूआत नरसी भगत के जीवन से हुई। नरसी श्रीकृष्ण के अटूट भक्त थे। वही उन्होंने मनुष्य जीवन को अनमोल बताते हुए भक्तों को सदुपयोग करने की बात कही एवं भगवान का भजन करने से जीवन का कल्याण होने की बाते कथा में कही। अंतिम दिन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पधारें मायरा में, आयोजन समिति ने शुक्रवार को महाप्रसादी का आयोजन रखा गया

प्रस्तुति नारायणलाल काग

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