पुणे के संजय पार्क वडेर में चल रही 31 दिन की पुरुषोत्तम मास अधिक मास की कथा
पुणे के संजय पार्क वडेर की महिला अध्यक्ष इंदिरा सीरवी के नेतृत्व में चल रही है 31 दिन की पुरुषोत्तम मास अधिक मास की कथा का आयोजन
अध्यक्ष इंदिरा सीरवी ने बताया कि अधिक मास 18 जुलाई से शुरू हो गया था इस महीने में कई कार्य वर्जित होते हैं जैसे शादी ब्याह मुंडन संस्कार और नए काम की शुरुआत इस महीने में नहीं की जाती हैं
लेकिन दान पुण्य के कार्यों के लिए यह महीना अत्यंत शुभ माना गया है कम भगवान श्री कृष्ण ने अधिक मास को वरदान दिया है कि जो भी इस महीने में सच्चे मन से पुण्य कर्म करेगा उसे उसके कर्मों का 3 गुना से अधिक फल प्राप्त होगा सीरवी इंदिरा द्वारा संजय पार्क महिला मंडल को एकत्रित कर इस महा कार्य में सभी महिलाओं को अधिक मास में भगवान श्री विष्णु कृष्णा अवतार के रूप में इस धरती पर अवतार लिया और कई कार्य कई पूर्ण कार्य कर धरती का उद्धार किया इसी तरह अधिक मास में भी महिलाओं ने व्रत रखकर भगवान विष्णु की कथा आदि पुरुष भगवान श्री कृष्ण का आगाज एवं भजन कीर्तन उपासना कर ज्यादा से ज्यादा दान पुण्य करने का आह्वान किया महिलाओं ने प्रतिदिन बडेर में हो रहे कथा आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया अधिक मास में देवी देवताओं की पूजा अर्चना दान पुण्य का महत्व बताया है महिला मंडल ने इस महीने में प्रतिदिन वडेर में जाकर भक्ति भावना दान पुण्य जैसे कार्यों में ज्यादा से ज्यादा कठोर तप अमरता का वरदान मांगा कहते हैं कि अधिक मास की कहानी पुरुषोत्तम मास की कथा इस महीने में सर्वश्रेष्ठ बताई गई हैं
मलमास के पुरुषोत्तम मास बनने की कथा बड़ी ही रोचक हैं उस कथा के अनुसार सभी 12 महीने के अलग-अलग स्वामी हैं स्वामी वहीं होने के कारण अधिक मास को मलमास कहने से उसकी बड़ी निंदा होने लगी जिससे मलमास को बड़ा कष्ट पहुंचा इस बात से दुखी होकर मलमास हरी श्री विष्णु के पास गया और अपने अपना सारा दुख भगवान श्री विष्णु को बता दिया श्रीहरि उसे लेकर गोलोक पहुंचे जहां भगवान श्रीकृष्ण विराजमान थे श्री कृष्ण ने मलमास की वेता जानकर उसे वरदान दिया कि आज से मैं तुम्हारा स्वामी हूं इससे मेरे सभी दिव्य गुण में समाविष्ट हो जाएंगे जैसे मैं पुरुषोत्तम के नाम से विख्यात हूं वैसे ही तुम भी पुरुषोत्तम मास के नाम से विख्यात होंगे
अधिक मास का महत्व
हिंदू धर्म के अनुसार संसार के प्रत्येक जीव पंचमहाभूत ओं जल अग्नि आकाश वायु और पृथ्वी से मिलकर बना है अधिक मास ही वह समय होता है जिससे धार्मिक कार्यों के साथ चिंतन मंथन ध्यान योग आदि के माध्यम से व्यक्ति अपने शरीर में समाहित इन पांच महा भूतों का संतुलन संबोधित करने का प्रयास करता है
कथावाचक इंदिरा जी शर्मा द्वारा
मलमास का महीना 18 जुलाई मंगलवार से शुरू होगा मलमास की समाप्ति 16 अगस्त 2023 को होगी इस महीने को अधिक मास भी कहते हैं इस दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं मलमास हर 3 साल में एक बार आता है पंचांग के अनुसार एक 100 वर्ष में कुल 12 संक्रांति होती हैं जिस महीने में कोई संक्रांति नहीं पड़ती हैं उस महीने को ही अधिक मास कहा जाता है मलमास में शादी-ब्याह ग्रह प्रवेश भूमि पूजन जैसे शुभ काम वर्जित माने गए हैं
अधिक मास में ज्यादा से ज्यादा उपवास दान पुण्य करने का यह महीना है इस अधिक मास का महत्व महिलाओं के लिए अपने घर में सुख समृद्धि बनाए रखने के लिए व्रत करना दान पुण्य करना उपवास करना भजन कीर्तन करना कार्य को शुभ माना गया है
संजय पार्क की महिला मंडल द्वारा
इस अधिक मास के महीने में 21 दिन से चल रही इस कथा में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया उपासना के साथ भजन कीर्तन गंगा स्नान दान पुण्य जैसे कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है
इस महीने में भगवान विष्णु श्रीकृष्ण की पूजा उपासना भजन कीर्तन के साथ एकादशी को बहुत बड़ी विशाल महा आरती की गई थी इस आरती में 3100 दीपक जलाकर आदि मास पुरुषोत्तम मास की पूजा आरती का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है
महिला मंडल अध्यक्ष इंदिरा सीरवी ने बताया कि
अधिक मास की एकादशी पर प्रत्येक महिला द्वारा 31 दीप उज्जवल कर महाआरती करने का संकल्प लिया इस महाआरती में करीबन 101 महिला द्वारा 31 दीप जलाकर 3100 दीप जलाकर पूरे दिन पूरी रात चार महा आरती कर दीप उज्जवल किया इस आरती का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है महिलाओं ने सज धज कर वादर जाकर इस महाआरती में अधिक मास के महीने में महाआरती में भाग लिया
कथा के साथ-साथ गो दान में भी बहुत बड़ा सहयोग किया
अधिक मास पुरुषोत्तम मास में 3 नदियों में स्नान कर महिलाओं ने गंगा आरती की गंगा पूजा की और बड़े ही धूमधाम से इस उपासना दान पुण्य जैसे कार्यों में बहुत बड़ा योगदान किया महिलाओं को प्रतिदिन भजन कीर्तन उपासना देखकर कथावाचक इंदिरा जी शर्मा ने कथा में दिए गए वचनों का पालन करना कथा का महत्व महिलाओं को बताया जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण द्वारा अधिक मास पुरुषोत्तम मास की कथा दान पुण्य उपासना से अपने घरों में सुख शांति के उपदेश दिए
अधिक मास में न करें यह कार्य कथावाचक इंदिरा शर्मा जी द्वारा
मलमास और अधिक मास में शादी ब्याह नहीं करनी चाहिए
मुंडन संस्कार और गृह प्रवेश आदि कार्य नहीं करनी चाहिए
इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य करना वर्जित हैं
मलमास में नया घर बनवाने से बचना चाहिए
मलमास के इस महीने में कोई भी शुभ कार्य ना करें वर्जित माना गया है
अधिक मास को मलमास भी कहा जाता है अधिक मास में मंगल कार्यों की अपेक्षा विशेष व्रत एवं पुण्य कार्य कुर्तियों की जाती हैं इसलिए उसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है
इस अधिक मास महीने में महिलाओं द्वारा यह कार्य धर्म कार्य दान धर्म पुण्य कार्य शुभ माना गया है
इस महीने में ज्यादा से ज्यादा दान धर्म उपासना करनी चाहिए
इस महीने में ज्यादा से ज्यादा भागवत कथा शिव पुराण आदि पुरुष कथा अधिक मास की कथा का आयोजन करने से बहुत ही बड़ी सफलता प्राप्त होती हैं
संजय पार्क वडेर मैं महिला मंडल अध्यक्ष द्वारा इस तरह धार्मिक आयोजन पर सभी महिलाओं का बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया है ऐसे कार्यक्रम से घर में सुख समृद्धि वासना बनी रहती हैं ऐसे मंगल कार्यों में हमेशा महिलाएं बढ़-चढ़कर भाग लेती हैं कथावाचक और कथा आयोजक कथावाचक इंदिरा जी शर्मा सीरवी जय भवानी सेवा संस्था महिला मंडल अध्यक्ष इंदिरा जी सीरवी द्वारा इस कथा का आयोजन किया जा रहा है 21 दिन से चल रही इस कथा का आयोजन बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है कथा का समापन अधिक मास की सबसे बड़ी तिथि को होगा
महिला मंडल अध्यक्ष इंदिरा चौधरी ने बताया कि
कथा का समापन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा ज्यादा से ज्यादा महिला ऐसे धर्म कार्य में आगे आकर उपासना कर अधिक मास की भक्ति भावना में बढ़ चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया
अधिक मास पुरुषोत्तम मास की कथा का आयोजन सीरवी जय भवानी सेवा संस्था संजय पार्क वडेर महिला मंडल द्वारा किया गया है कार्यक्रम में सभी महिलाओं को भाग लेने का अगर भी किया है
सीरवी जय भवानी सेवा संस्था महिला मंडल अध्यक्ष इंदिरा सीरवी