वोपारी ग्राम आईमाता मंदिर प्राण प्रतिष्ठा-महोत्सव, अच्छे कर्मों से जीवन का उद्धारः संत कृपाराम जी

पाली: ग्राम वोपारी में नवनिर्मित आईमाता मंदिर वडेर की प्राण प्रतिष्ठा-महोत्सव के छठे दिन कई अनुष्ठान हुए। महोत्सव के तहत रविवार को आचार्य पं.किशनचन्द्र ओझा के आचार्यत्व में आयोजित यज्ञ में मुख्य यजमान सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सपत्लीक आहुतियां दी।

पंडाल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथा वाचक संत कृपाराम जी ने कहा कि मनुष्य जैसा कर्म करेगा वैसा फल पाएगा। हर मानव को कर्म का फल भोगना ही पड़ेगा। इसलिए मानव मात्र को हमेशा अच्छे कर्म कर मनुष्य जीवन का उद्धार करना चाहिए।

परमात्मा को भजने वाला परमात्मा का हो जाता है। संतों की महिमा का गुणगान करते हुए बताया कि संत तपस्या के बल से महकता है। संतों का लगाव भगवान से होता है। जो हरि को भजता है वह हरि का हो जाता है।

संत ने कृष्ण व दुर्योधन के बीच युद्ध का वर्णन किया। संत कृपाराम ने विदुरानी द्वारा श्रीकृष्ण को केले के छिलके खिलाने वाले प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि भगवान छप्पन भोग के भूखे नहीं है, अगर प्रेम से एक पुष्प भी अर्पण कर दे तो वह भी उन्हें स्वीकार है। यदि धन-दौलत देखते तो भगवान श्रीराम कभी भी आदिवासियों व शबरी की कुटिया में कभी नहीं जाते। रात्रि जागरण कार्यक्रम में समाज बंधुओ ने चढ़ावे की बोलियां भी लगाई गई।
प्रस्तुतिः- श्री नारायणलाल सेणचा
समाचार अपडेटः- ओमप्रकाश पंवार, जोधपुर

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