सरकार की पॉलिसी अनुरूप काम करना एवं शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक नवाचार कर शिक्षा को सहज व सुलभ बनाने एवं ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा के स्तर बेहतर करना मेरा लक्ष्य रहेगा। दैनिक भास्कर से बातचीत में यह बात माध्यमिक शिक्षा विभाग बीकानेर के निदेशक बने IAS कानाराम सीरवी ने कही। उन्होंने कहां कि डूंगरपुर, प्रतापगढ़ सहित कुछ जिले आज भी ऐसे हैं जहां शिक्षा का स्तर अन्य जिलों की अपेक्षा कम हैं। वहां शिक्षा का स्तर बढ़ाने एवं उच्च शिक्षा का माहौल बनाने पर विशेष योजना बनाकर काम करेंगे।
पाली जिले के सिसरवादा (सोजतरोड) के मूल निवासी IAS कानाराम सीरवी का स्थानांतरण माध्यमिक शिक्षा विभाग बीकानेर के निदेशक पर पद हुआ। इससे पहले वे स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी राजस्थान जयपुर के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर कार्यरत थे। बुधवार देर शाम को 18 प्रशासनिक अधिकारियों के स्थानांतरण किए गए। जिनमें उनका नाम भी शामिल हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग की कमान कानाराम सीरवी को मिलने से पाली जिले व पश्चिम राजस्थान के लिए शिक्षा क्षेत्र में अच्छे नवाचार होने की उम्मीद हैं। इससे पहले सीरवी डूंगरपुर जिला कलेक्टर के पद पर भी रह चुके हैं।
संघर्ष कर पाया मुकाम
पाली जिले के छोटे से गांव सिसरवादा (सोजतरोड) में किसान परिवार में जन्म कानाराम सीरवी शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थे। इनका परिवार आर्थिक रूप से ज्यादा सक्षम नहीं था। घर में पढ़ाई का ज्यारा माहौल नहीं था। लेकिन उन्होंने IAS बनने की लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। 12वीं तक की पढ़ाई सोजत में की। बांगड़ कॉलेज से MSC की। इस दौरान उन्होंने चयन ग्राम सेवक पद पर हो गया। डेढ़ साल तक नौकरी करने के बाद नौकरी छोड़ इन्होंने बीएड की। सैकेण्ड ग्रेड टीचर भी बन गए। लेकिन IAS बनने के अपने लक्ष्य को ज्यादा समय नहीं दे पाए तो 7 माह बाद यह नौकरी भी छोड़ दी। तथा IAS की तैयारी करने जयपुर गए फिर दिल्ली गए। आखिरकार उनका संघर्ष रंग लाया और वर्ष 2012 में वे IAS बन गए। उन्होंने 54वी रैंक हासिल की। उनके पिता गेनाराम सीरवी व मां सुगनादेवी सीरवी का तो मानो खुशी का ठिकाना नहीं रहा।