श्री आईजी सेवा समिति की मदद से पढ़ रहा समाज के प्रतिभावान विद्यार्थी ने लिखा भामाशाहो को धन्यवाद में मार्मिक संदेश।।
प्रकाश पुत्र नारायणलालजी सीरवी जी. डी. मेमोरियल कॉलेज ऑफ़ साइंस जोधपुर से बी फार्मा की डिग्री कर रहा है
विद्यार्थी के अभिभावक आर्थिक विषमता के चलते उच्च शिक्षा दिलाने में असमर्थ थे, विद्यार्थी ने अपने समाज की स्वयंसेवी संस्था श्री आईजी क्षत्रिय सीरवी विकास सेवा समिति के समक्ष मदद के लिए अपनी फरियाद रखी,, तब समिति ने इस विद्यार्थी की प्रतिभा की परख करते हुए इस प्रतिभावान विद्यार्थी को डिग्री तक मदद देकर शिक्षित करने का बीड़ा उठाने का संकल्प लिया, जिसके तहत समिति निरंतर दो साल से इस विद्यार्थी की फीस भरकर इसके हौसले को पर्र दे रही हैं ।।
विद्यार्थी ने अपने द्वारा लिखित संदेश में समिति को श्री आई माताजी के मंदिर से कम नहीं बताया है, विद्यार्थी ने लिखा है कि समिति मेरे लिए आई माताजी के मंदिर के समान है “जैसे माताजी के समक्ष हम मन्नत मांगते हैं तो मां मुराद पूरी कर देती है वैसी ही जब मैं शिक्षा से दूर होने जा रहा था मैंने सब प्रयास किए लेकिन कहीं मुझे सफलता नहीं मिल रही थी ऐसे में मुझे किसी समाज सेवी के माध्यम से समिति का पता चला मैंने समिति से जैसे ही शिक्षा के लिए सहयोग की फरीयाद की तो मेरी मुराद पूरी हो गई।”
यदि समिति उस समय मेरी मदद के लिए आगे नहीं आती तो आज मैं कहीं खेतों में या अन्य सामान्य जगह मजदूरी कर रहा होता
मैं समिति के कार्यकर्ताओं का समिति के साथ जुड़े हुए भामाशाहो का एवं उन दानवीर समाजसेवी महानुभावों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं एवं इस तरह से शिक्षा के क्षेत्र में समाज के आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभावान विद्यार्थियों की जो सहायता समिति कर रही है उसकी मैं अंतर आत्मा से सराहना करता हूं ।।
इस संगठन के कार्य को मैं किसी मंदिर से कम नहीं समझता हुँ क्योंकि जहां जीवन में टूटी हुई उम्मीद को जोड़ने का सपना साकार होता है मैं उसे भूल नहीं सकता हूं
समाज की सभी संस्थाओं एवं दानवीर भामाशाह का मैं आभार व्यक्त करता हूं और समिति का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं ,जिसके सहयोग से आज मैं जीवन में उज्जवल भविष्य की उम्मीद लगा सकता हूं।।
समिति इसके लिए समाज के उन दानवीर भामाशाह का शुक्रिया अदा करती है ,सभी समाजी बंधुओं का आभार प्रकट करते जिनके सहयोग एवं समर्थन से आज समिति के माध्यम से समाज की प्रतिभाएं शिक्षा से वंचित होने से बच रही है एवं उच्च शिक्षा ग्रहण कर समाज का नाम रोशन करने के लिए प्रयासरत है।।
बन सहारा बेसहारों के लिए , बन सहारा उन भ्रमित नावो के लिए, अपने लिए जिए तो क्या जिए …?? जीना ही है तो जी हजारों के लिए ।।
समिति महासचिव सीरवी नाथूराम काग चेन्नई।।