श्री “आईपंथ” में बीज पर्वों का विशेष महत्व हैं। इसमें भादवी सुदी बीज व माघ सुदी बीज के पर्व विशेष हर्षोल्लास से मनाये जाते हैं।
“माही बीज दीवान पद राजे” की उक्ति के अंतर्गत विक्रम संवत् 1557 ‘माघ सुदी’ बीज शनिवार को श्री आई माताजी ने सीरवी गोयन्ददास जी राठौड़ को अपनी गादी के “आई पंथ“ का प्रथम दीवान बनाकर उन्हें अपनी समस्त सिद्धियां प्रदान की थी। उस दिन से ही आई पंथ के अनुयायी ‘माघ सुदी’ बीज पर्व मनाते आ रहे हैं।
शनिवार 25 जनवरी 2020, माघ सुदी एकम के दिन मन्दिर को रंग बिरंगी रोशनी व शमियानो से सुसज्जित किया गया। “एक शाम माँ श्री आईजी के नाम” रात्रि भजन संध्या 10 बजे गणपति वन्दना के साथ स्थानीय गायक माधुसिंह लेरचा, जितेन्द्रजी गहलोत,सुनील माली ने श्री आईजी के साथ समस्त देवी देवताओं को भजन समर्पित किये।
26 जनवरी 2020,”गणतंत्र दिवस” व “माही बीज” रविवार को ठण्डमयी प्रभात वेला में प्राची से उदित सुर्य अपनी सुहावनी किरणों में माँ श्री आईजी के समस्त भक्तों के लिये नयी उमंग, उत्साह व भक्ति भाव का दिव्य सन्देश लेकर आया। सभी स्वजातीय बन्धुओं ने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बन्द रखे। सवेरे 9 बजे माताजी कि जयघोष के साथ मन्दिर में अध्यक्ष, सचिव, व समस्त कार्यकारिणी के साथ सचिव माँगीलालजी चौयल ने आईमाताजी कि पूजा अर्चना कर केसरदात्री अखण्ड जोत में घृत (घी) अर्पित किया। पूजा अर्चना के बाद महाआरती के साथ माता बहनों ने शानदार भजनों कि प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिये। दिनभर श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा व दोपहर में सभी श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद का आनन्द लेकर इस महापर्व का इतिश्री किया। इस पर्व को सफल बनाने में विशेषकर कार्यकारिणी का सक्रीय सहयोग रहा व भविष्य में ऐसे ही सहयोग कि कामना की।
“जय श्री आईजी री।”
प्रस्तुति :- माधुसिंह सीरवी लेरचा
रामापुरम, चैन्नई.