अखण्ड ज्योत से झड़ता केसर आई माता का साक्षात प्रतिबिम्ब
मध्यप्रदेश/कुक्षी- कुक्षी नगर के मध्य स्थित अतिप्राचीन शक्ति स्वरूपा श्री आई माताजी का मंदिर नवरात्रि महापर्व के दौरान श्रद्धालुओ के लिए आस्था का विशेष केन्द्र बना हुआ है। मंदिर में अखण्ड ज्योत से झड़ता केसर माताजी का साक्षात प्रतिबिम्ब है जो श्रद्धालुओ को स्वतः ही आकर्षित करता है। कहा जाता है कि लगभग 400 वर्ष पूर्व राजस्थान से पलायन होकर सिर्वी समाज के पूर्वजो ने आई माताजी की गादी पाठ व अखण्ड ज्योत की यहां स्थापना की थी। नवदुर्गा जगदम्बा का स्वरूप श्री आई माताजी कन्या के रूप में प्रकट होकर मानव जीवन का कल्याण करते हुए अखण्ड ज्योत में समाहित होकर सांसारिक जीवन से विलय हो गए। तभी से इस अखण्ड ज्योत से झड़ता केसर माताजी का साक्षात प्रतिबिम्ब बना हुआ है।
अखण्ड ज्योत का मुल स्वरूप विघमान
नगर के मध्य सिर्वी मोहल्ले में स्थित इस प्राचीन मंदिर का वर्ष 2011 में जीर्णोद्वार हुआ तथा यहाँ पर आयोजित भव्य समारोह में धर्म गुरू दीवान माधवसिंहजी के कर कमलो से प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई थी। परन्तु अखण्ड ज्योत के मुल स्वरूप को ही मंदिर में विद्यमान रखा गया है। मंदिर परिसर में अम्बे माताजी की मूर्ति, गादी पाठ, शिव परिवार व राम दरबार होने से यहां पर आने वाले श्रद्धालुओ को एक साथ सभी का दर्शन लाभ प्राप्त होता है।
नवरात्रि महापर्व के दौरान मंदिर परिसर का विशेष श्रृंगार रहता है प्रमुख आकर्षण का केन्द्र
नवदुर्गा महोत्सव के दौरान मूर्तियो व मंदिर परिसर को समाज के साथ विभिन्न ग्रुपो द्वारा प्रतिवर्ष विशेष रूप से सजाया जाता है। जो दर्शनार्थीयो के लिए प्रमुख आकर्षण का केन्द्र बना रहता है। हजारो भक्त पर्व के दौरान प्रतिदिन रात्रि में आयोजित महाआरती में शामील होकर दर्शन लाभ प्राप्त करते है। गौरतलब है कि आई माता का मंदिर नगर में अपना एक विशेष स्थान रखता है। जहां सिर्फ सिर्वी समाज ही नही नगर में निवासरत अन्य समाज के लोग भी पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ यहां दर्शन करने पहुँचते है।
आई माताजी के इतिहास में यह वर्णित है कि इस देवी का ना तो जन्म हुआ और ना ही मृत्यु । आई माताजी कन्या के रूप में अम्बापुर के बिकाजी डाबी के यहां बगीचे में प्रकट हुई ओर बिलाडा़ में अखण्ड ज्योत में समाहित हो गई। इसी लिए भक्त अखण्ड ज्योत में देवी के स्वरूप का दर्शन कर अपने आप को भाग्यशाली समझते है।
नवदुर्गा महोत्सव के दौरान मुख्य पूजन, सजावट के साथ महाआरती मे इनका रहता अहम योगदान पं. घनश्याम जी चाष्टा के सानिध्य मे मुख्य यजमान सुनिल सिद्ध,सह यजमान सुनिल परिहार, प्रकाश जमादारी,पप्पु परिहार, सोनू सिद्ध द्वारा पूजन किया जा रहा तथा नवरात्र महोत्सव को आकर्षित बनाने के लिए विभिन्न ग्रुपों द्वारा आकर्षक सजावट के साथ महाआरती की जाकर महाप्रसादी का वितरण किया जाता हे। इस वर्ष नवरात्र के पहले दिन श्री आईजी महिला मण्डल छोटी हतई, दुसरे दिन श्री हीरालाल रामाजी मुकाती, तीसरे दिन श्री आईजी महिला भजन किर्तन मण्डल, चौथे दिन रिद्धि सिद्धि ग्रुप, पाँचवे दिन श्री क्षत्रिय ग्रुप, छठे दिन श्री सिद्धि विनायक ग्रुप, सातवें दिन श्री जीजीसा ग्रुप,आठवें दिन श्री देवी कृपा ग्रुप, नौवें दिन श्री जीजीसा ग्रुप और विजयादशमी को श्री नवदुर्गा उत्सव समिति आयोजन के लाभार्थी होगें।इसी के साथ नवमी को कन्या पूजन कर श्री गुरुकृपा ग्रुप द्वारा विशाल कन्याभोज कराया जाता है।
आस्था व उल्लास का यह महोत्सव क्षत्रिय सिर्वी समाज सकल पंचो के मार्गदर्शन मे सफलतापूर्वक सम्पन्न होता हे। जिसमे बालिकाओं, महिलाओं, युवाओं, कला संगीत वादको समाज जनो के साथ श्री नवदुर्गा उत्सव समिति का सराहनीय सहयोग रहता हे।