चेन्नई. नई पीढ़ी को संस्कारित करें। बच्चों को आईमाता की आरती सिखाएं। बचपन से ही अच्छे संस्कारों का बीजारोपण जरूरी है।
पंडित गणेश महाराज सांडिया वालों ने यह बात कही। वे
चेन्नई। के व्यासरपाड़ी कोडुंगैयूर स्थित श्री सीरवी समाज वढेर भवन में श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करा रहे थे। उन्होंने कहा कि बच्चों में हम जैसा बचपन में बीज बोएंगे। वे बड़े होकर वैसे ही बनेंगे। इसलिए नई पौध को अपनी सभ्यता एवं संस्कृति से जोड़े रखें।
प्रसन्नचित होकर बाहर जाएं
उन्होंने कहा कि हम कहीं भी बाहर जाएं तो प्रसन्नचित्त होकर निकलें। किसी कलह के साथ कभी बाहर न जाएं। ब्राह्मण एवं साधु-संतों को हमेशा प्रणाम करते रहना चाहिए। ये वंदनीय होते हैं। साथ ही माता-पिता को भी पूरा मान-सम्मान व आदर दें। जिसका कोई नहीं उसका भगवान
उन्होंने कहा कि जीवन में सबसे सच्चा मित्र भगवान है। संसार में जिसका कोई नहीं उसका भगवान है। इसलिए भगवान की भक्ति के लिए भी अपना समय जरूर दें। उन्होंने कहा कि शिव एवं शक्ति की आहूति जरूर लगनी चाहिए। उस दौरान उन्होंने कथा के विभिन्न प्रंसगों को रोचक अंदाज में सुनाया।
भजनों की प्रस्तुति साथ ही बीच में भजनों की प्रस्तुति से वातावरण भक्तिमय हो गया। कथा श्रवण के लिए एमकेबी नगर, व्यासरपाड़ी समेत आसपास के इलाके से भक्तगण पहुंचे। कथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 3.30 बजे तक हो रही है। कथा 7 अक्टूबर तक चलेगी।