श्री गणेशाय नमः
श्री योगमाया नवदुर्गा मंदिर उज्जैन
इतिहास :- यह मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में रामघाट मार्ग पर बना हुवा है , इस भव्य मंदिर का भूमिपूजन सन् 1981 में क्षत्रिय सिर्वी समाज के द्वारा हुवा और प्राण प्रतिष्ठा वर्ष 1991 में की गयी थी । इस मंदिर का संचालन क्षत्रिय सिर्वी समाज के द्वारा होता है , मंदिर में माँ दुर्गा अपने 9 स्वरूप में विराजमान है जिनके नाम इस प्रकार है….
१- शैलपुत्री
२- ब्रह्मचारिणी
३- चंद्रघंटा
४- कुष्मांडा
५- स्कंदमाता
६- कात्यायनी
७- कालरात्रि
८- महागौरी
९- सिद्धिदात्री
इनके अलावा सिर्वी समाज “आईपंथ” की कुलदेवी जगत जननी श्री आईमाताजी , भगवान गणेश जी , हनुमान जी, कालभैरवजी विराजमान हे। उज्जैन में एकमात्र ऐसा मंदिर भगवान भोलेनाथ का मूर्ति के रूप में इस मंदिर में सबसे ऊंचे स्थान पर विराजित है , इस मंदिर प्रांगण में यहाँ पर शुद्ध घी से 2 अखण्ड ज्योत भी जलती है , यह अखंडज्योत सन् 1991 से निरंतर जल रही है और इस अखंड ज्योत से केसर बरसना यानि एक बड़ी विशेषता है,कि इस ज्योत के धुंवे से काजल बनने की बजाय केशर जैसा कलर बनता है , यह माता एक चमत्कार है , जो भक्त अपनी आँखों से प्रत्यक्ष रूप से देख सकते है , वेसे हर मंदिर में कुछ न कुछ चमत्कार होते रहते है, पर वे चमत्कार किसी-किसी को ही देखने का सौभाग्य प्राप्त होता है।इस मंदिर में यदि कोई भक्त सच्ची भावना से जो भी माँ से कामना करता है , उसे माँ अवश्य पूरी करती है | इस वर्ष शारदीय नवरात्री-29/09/2019 से प्रारम्भ हो रही हे,और 7/10/2019 को पूर्ण हो रही हे। यदि कोई भक्त इस नवरात्री में माँ के दरबार में दुर्गासप्तशती पाठ, नवार्णमन्त्र जाप, नवदुर्गा पूजन माताजी का श्रंगार,56 प्रकार के पकवानो का महाभोग आदि कार्य करवाना चाहे तो हम से संपर्क कर सकते है
प.जितेन्द्र नागर
मुख्य पुजारी-श्री योगमाया नवदुर्गा मंदिर उज्जैन
मो. 9074234973
हमारे द्वारा-कालशर्प दोष निवारण,मंगलदोष निवारण भातपूजन,नवग्रह शान्ति,गृहप्रवेश,महामृत्युंजय जाप,विवाह,जन्मकुंडली बनाई व देखी जाती है।
जय माता दी।।जय श्री महांकाल