श्री आई माता पुराण किताब के लेखक श्री प्रोफेसर प्रेमचंद कोटवाल द्वारा पुस्तक लिखी गई । इस पुस्तक का नाम श्री आई माता पुराण रखा गया। इस पुस्तक का विमोचन श्री रावत सिंह जी पिरोसा तथा साथ में समाज के पदाधिकारीगण लक्ष्मण जी हम्मड़ उज्जैन ट्रस्ट के मैनेजर की उपस्थिति व समाज के वरिष्ठ जन की महती में श्री योगमाया नवदुर्गा मंदिर उज्जैन में विमोचन किया गया । बताया जा रहा है की यह किताब 530 की पेज की है जिसकी कीमत 300 रुपये है जो वर्तमान में श्री योगमाया नव दुर्गा मंदिर उज्जैन में उपलब्ध है । और साथ में यह भी जानकारी में बताया की प्रोफेसर प्रेमचंद कोटवाल ने समाज के वरिष्ट लेख्खों से मिल कर उनसे जानकारी प्राप्त की और साथ ही राजस्थान में भी भम्र कर सीरवी समाज के जाने माने लेखकों से जानकारी जुटाई और श्री आई माता पुराण किताब का लेखन किया । बडे लम्बे समय से आई माता पुराण किताब पर प्रोफेसर प्रेमचंद कोटवाल साहब का रिसर्च चल रहा था । उनकी भावना यह थी कि सभी बडेर में एक किताब दी जाये , जिससे कि आई माता के बारे में सभी को विस्तार से जानकारी मिले । अखिल भारतीय सीरवी महासभा के कहने पर प्रोफेसर प्रेमचंद कोटवाल साहब ने आई माता के बारे में जानकारी जुटाने लग गये और 530 पेज की इस किताब को पुर्ण की । जितना भी पैसे इस किताब का आएगा वो सारे पैसे उज्जैन मंदिर में जायेगा , प्रोफेसर प्रेमचंद कोटवाल साहब को सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम की ओर से बहुत बहुत धन्यवाद