धरती पर जब जब अधर्म के साथ अत्याचार बढ़ा तब तब धर्म की स्थापना और अधर्मियों को दण्ड देने हेतु भगवान का अवतरण हुआ

कुक्षी। धरती पर जब जब अधर्म के साथ अत्याचार बढ़ा तब तब धर्म की स्थापना और अधर्मियों को दण्ड देने हेतु भगवान का अवतरण हुआ हे। भगवान कृष्ण ने अपनी अनेक लीलाओं के माध्यम से जीवन जीने का संदेश दिया।मानव जीवन मे हमे सदैव पून्य कर्म करते हुए ईश्वर के नाम का स्मरण करना चाहिए। उक्त प्रेरक वचन समीपस्थ ग्राम ननौदा मे आयोजित श्री मद भागवत कथा के पंचम दिन व्यासपीठ से कथावाचक ज्योतिषाचार्य पं. सुभाषचन्द्र शर्मा दत्तिगांव ने श्रद्धालुओं के बीच कहे।उन्होंने कहा पूण्य हमारे लिए स्वर्ग का दरवाजा खोलता हे जबकि पाप कर्म हमे नर्क मे पहुँचाता हे। हमारा जीवन पून्य कर्म के रस मे सदैव ढुबा हुआ होना चाहिए। कथा प्रारंभ मे प्रकाश भायल दम्पति ने व्यासपीठ का पूजन कर कथावाचक आचार्य का स्वागत किया। कथा के दौरान अंम्बिका आश्रम बालीपुर धाम के सन्त श्री योगेशजी महाराज का शुभ आगमन हुआ। उन्होंने कथा श्रवण कर महाआरती मे भाग लिया। मुख्य यजमान तेजालाल भायल परिवार ने सन्त श्री का स्वागत शाल व साफा पहनाकर पुष्प हार से किया। इसी के साथ अखिल भारतीय सिर्वी समाज के पूर्व अध्यक्ष मनोहरलाल मुकाती बड़वानी एवं वर्तमान अध्यक्ष कैलाश मुकाती मनावर का भी साफा पहनाकर सम्मान किया गया।इस अवसर पर पूर्व प्रदेश महासचिव भगवान लछेटा सीए ,जगदीश काग, लक्ष्मण बर्फा इन्दौर, गोविंद चोयल मनक ,राधेश्याम मुकाती, महेंद्र सीरवी, मुकेश गेहलोत आदि उपस्थित थे ।भागवत कथा का समापन 19 अप्रेल शुक्रवार को दोपहर 12 बजे होगा। हनुमान जयंती का सुअवसर होने से हवन के साथ विशाल भण्डारे का आयोजन भी होगा।

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