
अखिल भारतीय सीरवी महासभा की प्रदेश कार्यकारिणी
संगठन में शक्ति है । इस मूल मंत्र को समझे और क्रियांवित करे। संगठन से बड़ी कोई शक्ति नहीं है । बिना संगठन के कोई भी देश व समाज सुचारू रूप से नहीं चल सकता है । संगठन ही समाज का दीपक है, सर्वोत्कृषष्ट शक्ति है, समाजोत्थान का आधार है संगठन बिना समाज का उत्थान संभव नहीं । संगठन के बिना समाज आदर्श स्थापित नहीं कर सकता, क्योंकि विघटन समाज को तोड़ता है और संगठन व्यक्ति को जोड़ता है । संगठन समाज एवं देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचा देता है । समाज को भी ऐसे ही संगठन की आवश्यकता पड़ती है जो समाज में एकता बनाए रखे । इन उपरोक्त सभी उद्देश्यों की पूति हेतु अखिल भारतीय सीरवी महासभा (पंजी.) के विधान के अनुसार जिन राज्यों में सीरवी समाज निवास करता है वहां पर प्रदेश कार्यकारिणीयों के गठन का प्रावधान है ताकि महासभा की गतिविधियां तेज करने के लिए व समाज को संगठित व मजबूत बनाने के लिए प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया है । प्रादेशिक विभाजन के अंतर्गत प्रत्येक प्रेदश अपना एक मुख्य कार्यालय स्थापित करेगा । परन्तु कार्यालय के स्थान की पूर्व स्वीकृति महासभा की कार्यकारिणी से लेनी होगी । प्रादेशिक सभा की कार्यकारिणी महासभा की कार्यकरिणी से स्वीकृति लेकर अपना कार्यालय अन्यंत्र बदल सकेगी । राष्ट्र के सभी प्रदेश एवं उनके जिले महासभा के क्षेत्र होगें ।
प्रादेशिक सभाओं का गठन
देश के प्रत्येक प्रदेश, जिले एवं तहसील/ब्लॉक में अखिल भारतीय सीरवी महासभा की शाखाऐं होगी जो अखिल भारतीय सीरवी महासभा की प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक ईकाइयों के ना से नामित होगीं । प्रत्येक प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक ईकाइयों के निम्न पदाधिकारी होगें ।
प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक अध्यक्ष 1
प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक उपाध्यक्ष 2
प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक महासचिव 1
प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक सचिव 2
प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक संगठन सचिव 2
प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक प्रचार/प्रसार सचिव 2
प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक कोषाध्यक्ष 1
प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक कार्यकारिणी सदस्य 1