श्री आई माताजी की आरती

आई श्री अम्बे माई , जय आई श्री दुर्गे माई। आरती गावो सब मिल भाई,आरती बोलो सब मिल भाई॥

राव बीका घर अँबापुर में, अवतार लियो जगदम्बे माई। ब्याव करण खिलजी चढ आयो, तोबा कर कर जान बचाई।

जय आई श्री अम्बे माई – जय आई श्री दुर्गे माई ।…….

नारलाई में दियो परचो भारी , पत्थर शिला माँ अधर धराई। डायलाणा में वङलो हलारो, छीयाँ करी जगदम्बे माई ॥

जय आई श्री अम्बे माई – जय आई श्री दुर्गे माई ।……

भैसाणा मै किदा भाटा , बिलाङे माँ ज्योत समाई। मैवाङ धरा रायमलजी पाँई , हिन्दूआँ सुरज लाज बचाई ॥

जय आई श्री अम्बे माई – जय आई श्री दुर्गे माई ।……

जाणोजी रो पुरीयो मनोरथ , माधवजी सु मेल कराई। माही बीज दिवाण पद राजे , भादवी बीज ने ज्योत जगाई॥

जय आई श्री अम्बे माई – जय आई श्री दुर्गे माई ।…….

रोहित दीवाणजी ने जोधाणा सुं , मिली रियासत मान बढाई
हरिदासजी पाणी पर चाल्या , अचरज करियो अहिल्याबाई॥

जय आई श्री अम्बे माई – जय आई श्री दुर्गे माई ।……..

मन्दिर बिलाङा में परचो भारी , अखण्ड जोत सुख केसर पाई।
मालवा मिमाङ गुजरात देश रा , घर-घर में तेरो गुण यश गाई॥

जय आई श्री अँबे माई ; जय आई दुर्गे माई ।……….

जो आई माताजी कि आरती गावो , वे घर में सुख-समृद्धि पावे। मनोकामना के फल पावे निश्चित अमरापुर में जावे

जय आई श्री अम्बे माई – जय आई श्री दुर्गे माई ।……….

 

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